♦इस खबर को आगे शेयर जरूर करें ♦

Chanakya Niti: हर व्यक्ति को बादलों से सीखना चाहिए पैसों का लेन-देन, कभी नहीं होगी धन हानि

आचार्य चाणक्य ने धन, दुश्मनी, मित्रता, स्वास्थ्य, तरक्की, नौकरी और बिजनेस संबंधी समस्याओं का हल नीति शास्त्र में बताया है। चाणक्य की नीतियों से व्यक्ति अनुशासित होने के साथ ही बहुत कुछ सीख सकता है। हालांकि इस भागदौड़ भरी जिंदगी में समय की कमी होने के कारण नीतियों पर व्यक्ति अमल नहीं कर पाता है। आचार्य चाणक्य ने एक श्लोक में बताया है कि आखिर व्यक्ति को अपना जीवन कैसे गुजारना चाहिए। चाणक्य कहते हैं कि इंसान को बादलों से पैसों का लेन-देन सीखना चाहिए, इससे धन की हानि नहीं होती है।

चाणक्य नीति का श्लोक

वित्तं देहि गुणान्वितेषु मतिमन्नान्यत्र देहि क्वचित्
प्राप्तं वारिनिधेर्जलं घनमुखे माधुर्ययुक्तं सदा ।
जीवान्स्थावरजङ्गमांश्च सकलान्संजीव्य भूमण्डलं
भूयः पश्य तदेव कोटिगुणितं गच्छन्तमम्भोनिधिम् ।।

चाणक्य कहते हैं कि बुद्धिमान व्यक्ति वही है जो गुणवान और योग्य व्यक्ति को पैसा देता है। जो व्यक्ति गुणवान नहीं है, उसे पैसा या धन देने से बचना चाहिए। चाणक्य नीति के अनुसार, किसी को भी धन देने से धनहानि होने की आंशका रहती है।

चाणक्य ने उदाहरण देते हुए एक श्लोक में समझाया है कि बादल समुद्र से जल लेकर बारिश करता है। जिससे जनमानस को लाभ होता है। इसके बाद यह पानी फिर से कई गुना होकर समुद्र में चला जाता है। चाणक्य कहते हैं कि धन भी योग्य और समझदार व्यक्ति को देना चाहिए। जिससे योग्य व्यक्ति पैसों का सदुपयोग कर दूसरों का भी भला करे। चाणक्य कहते हैं कि समझदार व्यक्ति हमेशा धन सोच-समझकर अच्छे कार्यों में ही लगाता है।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now

जवाब जरूर दे 

Sorry, there are no polls available at the moment.

Related Articles

Close
Close
Website Design By Mytesta.com +91 8809666000