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नुआंव में लगा सत्तू-मूली का भोग , चरित्रवन मे कल लिट्टी -चोखा

 

बी आर एन व्यूरो

बक्सर ।

पंचकोसी परिक्रमा के चौथे दिन श्रद्धालुओं ने नुआंव स्थित अंजनी सरोवर में स्नानोपरांत पूजा अर्चना कर सत्तू-मूली का प्रसाद ग्रहण किया । पौराणिक मान्यता के अनुसार नुआंव मे हनुमानजी की माता अंजनी रहती थी । इसलिए वहा स्थित सरोवर “अंजनी सरोवर” के नाम से प्रसिद्ध है । मौजूदा हाल सरोवर का कुछ भी हो , लेकिन पौराणिक महात्म्य के अनुसार इसकी तुलना राजा कुबेर के सौगंधिक सरोवर से की जाती थी । इसमे स्नान मात्र से हनुमान जी की सदैव कृपा बनी रहती है । पौराणिक मान्यता के अनुसार उद्दालक मुनि का इसी सरोवर के तट पर आश्रम था ।

त्रेता युग मे पंचकोसी परिक्रमा के दौरान मर्यादापुरुषोत्तम श्रीरामचंद्र पहले दिन अहिरौली मे गौतम पत्नी अहिल्या माता का उद्धार किये थे । दूसरे दिन नदांव मे नारद आश्रम खिचडी ग्रहण किये थे । तीसरे दिन भभुअर मे भार्गव ऋषि का आशीर्वाद प्राप्त कर चूडा दही खाये थे । चौथे दिन नुआंव मे उद्दालक मुनि से आशीर्वाद लेने पहुंचे थे , जहां ऋषि ने सत्तू-मूली खिलाकर स्वागत किया था। जिसके चलते हजारों की संख्या में साधु-संत एवं श्रद्धालु मंगलवार को यहां पहुंचकर अंजनी सरोवर में स्नान व पूजा की । इसके पश्चात वे पहले से चली आ रही परंपरा का निर्वहन करते हुए सत्तू-मूली का प्रसाद ग्रहण किये । माना जाता है कि नुआंव मे सत्तू एवं मूली का प्रसाद खाने से भगवान की असीम कृपा बनी रहती है। हजारों की संख्या मे लोग मेला देखने के लिए नुआंव गांव पहुंचे थे ।

                  कल बुधवार को लिट्टी -चोखा 

कल बुुधवार को श्रद्धालु बक्सर मे चरित्रवन पहुंचकर वर्षो से चली आ रही परंपरानुसार लिट्टी- चोखा बनाकर प्रसाद स्वरुप ग्रहण करेंगे।

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