
नशे की गिरफ्त में बर्बाद हो रही युवा पीढ़ी,ग्रामीणों की बढ़ी चिंताएं..
रामगढ़ में पुलिस के नाक के नीचे फल फूल रहा कारोबार
राजीव कुमार पाण्डेय (रामगढ़)।थाना क्षेत्र में इस समय युवा नशे की गिरफ्त में फंसते जा रहे हैं। नगर क्षेत्र सहित अब ग्रामीण क्षेत्र में भी हेरोइन नशा खूब बिकने लगी है। अनेक युवा इस नशे की लत में पड़कर अपनी जिंदगी भी बर्बाद कर चुके हैं। यह नशा दिन-प्रतिदिन क्षेत्र में अपने पांव पसारता जा रहा है। यदि इस पर नकेल नहीं कसी गई तो यह नशा क्षेत्र के युवाओं को बर्बाद करके रख देगा।इस नशे के पनपते कारोबार को रोकने के लिए सरकार व पुलिस प्रशासन के साथ-साथ क्षेत्रवासियों को भी आगे आना होगा, तभी बढ़ते नशे के कारोबार पर रोक लगाई जा सकती है।रामगढ़ के एक निवासी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि थाने के पीछे महज कुछ ही दूरी पर नशा का कारोबार फल फूल रहा है। जहां पर हेरोइन,शराब जैसे मादक पदार्थ बेचे जा रहे हैं।उनका आरोप है कि पुलिस के मिली भगत से ऐसा कार्य फल फूल रहा है।वर्ना किसकी मजाल जो पुलिस के नाक के नीचे ऐसा अवैध कारोबार कर सके।उन्होंने जल्द ही एसपी से मिलकर कारोबारी के विरुद्ध नामजद आवेदन (ग्रामीणों के हस्ताक्षर के साथ) देकर मामले से अवगत कराने की भी बात कही।इस नशा के शिकार आपके बच्चें न बन सके इसके लिए आपको खुलकर आगे आना ही होगा।संगत की असर आपके बच्चों को भी इस नशे का लत धरा सकती है।शुरुआत में बच्चें शौक की तरह नशे को अपनाते हैं बाद में यह बुरी लत लग जाती है और धन,धर्म, मान,प्रतिष्ठा और अंत में रोने व दुःख उठाने के लिए पूरे परिवार को छोड़कर स्वयं मृत्यु के आगोश में समा जाता है। क्षेत्र में चोरी की घटनाओं को जन्म देने वाला यह नशा ही है ,जिसके आगोश में आकर युवा पीढ़ी चोरी,लूट,छिनैती,सड़क दुर्घटना में मौत आदि का शिकार बन रही है।आप सभी को ज्ञात है कि प्रखंड मुख्यालय से सटा गांव हेरोइन जैसे नशा कारोबार का केंद्र रहा है।पूर्व में थाना प्रशासन द्वारा इस गांव से कई बार विक्रेताओं सहित कई नशेड़ियों की गिरफ्तारियां की गई है।किंतु आज भी पूरी तरह से नकेल कसने में पुलिस प्रशासन नाकाम है।
बॉन्फिक्स बना नशा का विकल्प,रोक लगाने के लिए सरकार करे पहल
रामगढ़।युवाओं के साथ – साथ 10 से 15 वर्ष के मासूम बच्चें भी नशा के विकल्प के रूप में बॉन्फिक्स,सनफिक्स ,सुलेसेन जैसे चिपकाने वाले पदार्थों का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर कर रहे हैं। क्योंकि 10 से 20 रुपए में यह आसानी से पास के दुकानों में उपलब्ध है।सरकार को इसपर रोक लगाने के लिए कोई ठोस रणनीति बनाने की आवश्यकता है।अगर ऐसा नहीं होता है तो इन चिपचिपे पदार्थों की वजह से हमारे राज्य की युवा पीढ़ी पूरी तरह से बर्बाद हो जायेगी। प्रसिद्ध चिकित्सक व आईएमए के राज्य सचिव डॉक्टर संतोष कुमार सिंह कहते हैं कि इस तरह का नशा सीधे दिमाग पर असर करता है ।इन सब में अल्कोहल की मात्रा काफी अधिक होती है ।यह तंत्रिका तंत्र पर भी असर करता है। लंबे समय तक इसका इस्तेमाल करने से बच्चे मानसिक रूप से विकलांग और पागल हो सकते हैं ।उनकी मौत भी हो सकती है। इसके अलावा किडनी लीवर जैसे कई अंग प्रभावित होते हैं।












