किला मे जल रहा कूड़ा स्वास्थ्य के लिए है घातक फिर भी अधिकारी सहित जनता के नुमाइंदे क्यों है मूक —
बीआरएन बक्सर। शहर में कूड़ा जलाए जाने का सिलसिला थम नहीं रहा है। नगर पालिका सफाई कर्मी कूड़े के ढेर में आग लगा रहे हैं। इससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है। नगर पालिका इस ओर से लापरवाह बनीं हुई है। अधिकारी भी आंखें मूंदे हुए हैं, जबकि गांवों मे किसानों के पराली जलाने पर थाने से लेकर तहसील तक की टीमें तुरंत हरकत में आ जाती हैं।
कूड़ा जलाए जाने से प्रदूषण को बढ़ावा मिलता है । इसका लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। कूड़ा जलाए जाने पर शासन ने प्रतिबंध लगा रखा है, लेकिन बक्सर में आदेशों की अनदेखी कर कूड़ा जलाने का कार्य लगातार किया जा रहा है। यह कूड़ा भी कोई आमजन नहीं जला रहा बल्कि नगरपालिका के सफाई कर्मी हीं जला रहे हैं। वह कूड़ा -कर्कट को बाहर ले जाकर फेकने से बचने के लिए शायद ऐसा कर रहे है, लेकिन उन्हें नहीं मालूम कि इससे कितना नुकसान हो रहा है। शहर के बीचों बीच स्थित किला मैदान जहां रैन बसेरा भी है ,वहां कूड़ा लगातार जलाया जा रहा है।यही नहीं जहां कूडा जल रहा है उसके बगल मे ही सरकारी स्कूल हैं जहां पढने आने वाले बच्चें कूडे से निकल रही जहरीली गैसों को पीने के लिए विवश हैं। । सुबह मार्निंग वाॅक पर निकलने वाले लोग बताते हैं कि नगरपालिका की लापरवाही है जो शहर के लिए घातक सिद्ध हो रही है। नगरपरिषद के चेयरपर्सन और उपचेयरपर्सन को भी शायद यह दिखाई नही दे रहा है। कूडा जला देने से अगल बगल के इलाके मे धुंआ ही धुंआ दिखाई देता है। लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत होने लगी है। इससे जहां लोगो के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़़ रहा है वहीं प्रदूषण को व्यापक तौर पर आमंत्रित किया जा रहा है। इसके बाद भी नगरपालिका के अधिकारी सहित जनता के नुमाइंदे लापरवाह बने हुए है।
क्या जनता के स्वास्थ्य का चिंता वर्तमान नगरपरिषद के अधिकारियों को नहीं है ? क्या उन्हें इस तरह के करतूत की भनक नही है?
वह किला मैदान जहां सैकडों पुरुष, नारी और बच्चें रोज स्वास्थ्य को बनाने के उद्देश्य से टहलने , खेलने या कसरत करने जाते है, लेकिन नगरपरिषद की लापरवाही के कारण कूडे से निकलने वाली जहरीली गैस के कारण विभिन्न रोगों को अपने साथ घर ले जा रहे हैं। आखिर नगरपरिषद लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड कैसे कर सकता है? क्या कूडा को फेकने के लिए शहर से बाहर डंपिंग जोन नही बनाया गया है। तमाम सवालों की चर्चा लोग शहर मे कर रहे है लेकिन नगरपरिषद को कुछ सुनाई या दिखाई नही दे रहा है। जबकि सभी जानते है कि कूडे में प्लास्टिक सहित कई तरह का कचरा शामिल होता है। इसको जलाने पर प्रदूषण युक्त काला धुंआ निकलता है। इससे वहां से आवाजाही करने वाले लोगों को परेशानी होती है। साथ ही उसके आस-पास रहने वालों को भी परेशानी होती है। कचरा जलाने के लिए कई बार क्षेत्रवासियों के द्वारा मना करने के बावजूद नियमित रूप से कचरा जलाया जा रहा है।