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मचहलपुर में दो वर्षों से शोभा की वस्तु बनी जलमीनार….

बोले ग्रामीण:- मोटर खराबी के कारण 2 वर्षों से योजना से पानी की आपूर्ति ठप,गर्मी के दिनों में होती है काफी परेशानी

सुबह होते ही पानी की जद्दोजहद में लग जाते हैं ग्रामीण,कुछ घरों में लगा निजी चापाकल है एक मात्र सहारा

ग्रामीणों के बीच पहुंचे जिला पार्षद ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया,अधिकारियों से बात कर तत्काल निजात दिलाने की बात कही 

भभुआ (राजीव कुमार पाण्डेय )।  प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत महुआरी पंचायत के मचहलपुर गांव में इस भीषण गर्मी में पानी के लिए ग्रामीण परेशान है।यहां पीने के पानी के लिए भी हाहाकार मचा हुआ है।बिहार सरकार की सात निश्चय के तहत ग्रामीणों को हर घर शुद्ध पेय जल के लिए लगी योजना पूरी तरह से दम तोड़ रही है।क्योंकि मोटर में खराबी होने से विगत 2 वर्षों से इस गांव में नल जल योजना से पानी की आपूर्ति ठप है।ऐसा भी नहीं है कि जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों द्वारा इस समस्या से पीएचडी के अधिकारियों को अवगत नही कराया गया है।शुरुआती दिनों में विभागीय पेच का हवाला देते हुए पीएचडी के कर्मी बात को टालते रहे लेकिन दो वर्षों बाद भी समस्या ज्यों का त्यों बनी हुई है।यह पीएचडी के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के उदासीनता को साफ प्रदर्शित करता है।यहां के ग्रामीण सुबह होते ही पानी की जद्दोजहद में लग जाते हैं। यही उनकी नियति बन चुकी है।यहां के ग्रामीणों को पानी का सहारा एक दूसरे के घर में लगे निजी चापाकल हैं।ऐसे में मवेशियों के लिए पानी जुटाना भी मुश्किल होता जा रहा है।ग्रामीणों की समस्या को जान भभुआ के जिला पार्षद विकास सिंह उर्फ लल्लू पटेल ने गुरुवार को उक्त गांव का दौरा किया।

इस दौरान सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण इकट्ठे हो गए और गांव की मुख्य समस्या पेय जल से अवगत कराया।जिला पार्षद ने खुद जलमीनार के पास पहुंचकर स्थिति को जाना व परखा।इसके बाद मौके पर ही जिला पार्षद ने संबंधित जिला के वरीय अधिकारियों को फोन करके मामला से अवगत कराया और तत्काल समस्या से निजात दिलाने की बात कही।इसके बाद ग्रामीणों को सांत्वना देते हुए जिला पार्षद ने कहा कि आजादी के 76साल बाद भी पानी की समस्या यह दुर्भाग्यपूर्ण है अगर चुनाव से पहले समस्या का हल नहीं निकलता है तो हमलोग जन आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।वहीं मौके पर ग्रामीण कृष्णा पासवान ,उपेंद्र पासवान,पप्पू पासवान,गिरजा पासवान ,सरयू पासवान एवं संजू ने बताया कि मेरे गांव में 100 घरों से अधिक की आबादी है।करीब 60 घर महादलित समुदाय के हैं।पिछले दो वर्षों से नलजल योजना से पानी की सप्लाई पूरी तरह से बंद है जिससे गर्मी के दिनों में पानी के लिए ग्रामीणों के बीच हाहाकार मच जाता है।पानी चालू करने के लिए जब वार्ड सदस्य और मुखिया से बोला जाता है तो वह कहते हैं कि इस नलजल को ठीक करके पूरी तरह से संचालित करने की जिम्मेदारी पीएचडी विभाग को है। मैं इस मामले में कुछ नहीं कर सकता।इस स्थिति में किसी किसी के घर में लगे निजी चापाकल ही सहारा है।सुबह से ही पीने के पानी के लिए ग्रामीण जद्दोजहद में लग जाते हैं।उल्लेखनीय है कि पंचायती राज विभाग के हाथ से निकलते ही इस तरह की समस्या में बढ़ोतरी हुई है।दो वर्षों से कमोवेश जिले के सभी प्रखंड के सभी पंचायतों में लगे इस योजना का यही हाल है।

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