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राज कोचिंग सेंटर में माॅनसून स्पेशल टेस्ट आयोजित कर सर्वोत्तम अंक पाने वालों को छाता और कलम देकर किया गया पुरस्कृत…

 

कोचिंग द्वारा बोर्ड माॅडल प्रश्नों का टेस्ट सीरिज हरवर्ष माॅनसून स्पेशल टेस्ट के आयोजन के साथ होता है  निःशुल्क प्रारंभ 

बीआरएन बक्सर । स्थानीय राज कोचिंग सेंटर में रविवार को इंटरमीडिएट द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों के लिए मानसून स्पेशल टेस्ट का आयोजन किया गया। कोचिंग निदेशक राजेश चौबे ने सर्वोत्तम अंक पाने वाले करीब तीस विद्यार्थियों को छाता और कलम देकर सम्मानित किया । बता दें कि उक्त कोचिंग नगर परिषद भवन के पीछे वाली गली मे संचालित होता है। यह संस्थान करीब बीस वर्ष पुराना है। कोचिंग द्वारा बोर्ड माॅडल प्रश्नों का टेस्ट सीरिज हरवर्ष माॅनसून स्पेशल टेस्ट के आयोजन के साथ निःशुल्क प्रारंभ किया जाता है। टेस्ट सीरिज के पहले सप्ताह के तहत हुई माॅनसून स्पेशल परीक्षा में करीब 300 इंटरमीडिएट और 250 दसवीं के छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। कोचिंग के डायरेक्टर राजेश कुमार चौबे ने परीक्षा से पहले सभी बच्चों को मोटिवेशन स्पीच के माध्यम से उत्साहवर्धन किया। उन्होंने बताया कि टेस्ट सीरिज मे भाग लेने वाले विद्यार्थियों मे परीक्षा फोबिया गायब हो जाती है। हर टेस्ट उनकी तैयारी को संबल प्रदान करता है और सरलता का पिलर साबित होता है। बोर्ड एग्जाम के प्रश्नपत्र के तर्ज पर परीक्षा आयोजित करने से छात्र-छात्राओं को पूर्व से ही परीक्षा देने की गाइडलाइन के बारे में जानकारी मिल जाती है। साथ ही परीक्षा के क्रम में होने वाले स्वभाविक घबराहट से मुक्ति मिलती है। करीब एक घंटे के लिए आयोजित परीक्षा में इंटरमीडिएट के छात्र – छात्राओं ने प्रोनाउन से संबंधित पचास मल्टीपल च्वायस सवालों का जवाब तन्मयता से दिया। वहीं दसवीं के विद्यार्थियों ने गणित और विज्ञान की परीक्षा दी। इसके बाद एक घंटे मे इंटरमीडिएट का रिजल्ट जारी कर सर्वोत्तम अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को छाता और कलम देकर पुरस्कृत किया गया। वहीं दसवीं के विद्यार्थियों के लिए भी साप्ताहिक टेस्ट आयोजित किया गया था, जिसका परिणाम अगले रविवार को अर्थात 7 जूलाई को प्रकाशित होगा।

पुरस्कार पाकर खुश दिखे प्रतिभागी …

पुरस्कार तो पुरस्कार होता है । चाहे एक रुपये का हो या करोडों का। जिसे मिलता है सौभाग्यशाली होता है। पुरस्कार पाने वाले विद्यार्थियों के चेहरे खिले थे । वे खुश दिख रहे थे। उनके चेहरे का रंग सकरात्मक ऊर्जा के प्रवाह के साथ सफलता की कहानी मे परिश्रम का जिक्र कर रहा था।

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