
महर्षि विश्वामित्र फाउंडेशन की पहल लायी रंग .. पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा ने रामरेखाघाट के विकास के लिए दी तेरह करोड की स्वीकृति .
बीआरएन बक्सर। महर्षि विश्वामित्र फाउंडेशन के आग्रह पर रामरेखाघाट को विकसित करने हेतु बिहार सरकार के पर्यटन विभाग ने विशेष पैकेज दिया है, जिसकी जानकारी फाउंडेशन के द्वारा दी गयी। बता दे की रामरेखा घाट पर हमेशा गंगा स्नान करने लिए श्रद्धालुओं की भीड रहती है। पर्व त्योहार के दिनों मे तो काफी भीड रहती है। रामरेखाघाट का इतिहास त्रेतायुग से जुडा है। कहा जाता है की भगवान राम अपने अनुज लक्ष्मण के साथ जब महर्षि विश्वामित्र के यज्ञ की रक्षा हेतु आये थे तो रामरेखा घाट पर रामेश्वरनाथ को स्थापित कर पूजा अर्चना की थी। आज भी राम चरण चिह्न रामरेखाघाट पर मौजूद है। गंगा स्नान के लिए श्रद्धालु जिले भर से ही नही बल्कि आसपास के जिलों से तथा पडोसी राज्य उत्तरप्रदेश से भी आते है। कुछ अवसरों पर नेपाल से भी आने वाले पर्यटकों की भीड रहती है। गंगास्नान हेतु आने वाले श्रद्धालुओं व पर्यटकों को मूलभूत सुविधा जैसे रात्रि विश्राम स्थल , शौचालय तथा महिलाओं के कपडे बदलने के लिए महफूज कमरों की व्यवस्था हेतु मई माह में विश्वामित्र फाउंडेशन के राष्ट्रीय संयोजक राजकुमार चौबे एवं शाहाबाद के संयोजक रवि राज पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा से मिले थे। फाउंडेशन की पहल रंग लायी । परिणामस्वरूप उक्त मंत्री ने रामरेखाघाट को मूलभूत सुविधाओं के साथ विकसित करने करने हेतु लगभग तेरह करोड की योजना की स्वीकृति दी है। फाउंडेशन के शाहाबाद संयोजक रविराज ने बताया की यह महज एक झांकी है । बक्सर के संपूर्ण धार्मिक स्थलों के विकास एवम पर्यटन मानचित्र मे स्थान दिलाने के लिए लड़ाई अभी बाकी है। बक्सर एक धार्मिक नगरी है। फाउंडेशन का हमेशा प्रयास है की यह नगर सामाजिक व धार्मिक रूप से पूर्णतः विकसित हो।