दशम के बाद सीबीएसई वाले बच्चें ले रहे है बिहार बोर्ड के स्कूलों मे दाखिला ..
बिहार बोर्ड की आसान प्रश्न शैली सहित निजी विद्यालयों द्वारा मोटी रकम वसूला जाना भी है वजह
बीआरएन बक्सर। बिहार बोर्ड ने परीक्षा के प्रश्नों का प्रारूप इतना आसान कर दिया है की मैट्रीक के पश्चात सीबीएसई सहित दूसरे बोर्ड के विद्यार्थियों ने भी बिहार बोर्ड से ही इंटरमीडिएट मे दाखिला लेना शुरू कर दिया है। हर साल सीबीएसई से दशम उत्तीर्ण कर विद्यार्थियों की एक अच्छी खासी भीड इंटरमीडिएट हेतु बिहार बोर्ड मे नामांकन ले रही है। ऐसे विद्यार्थी प्रश्नों की शैली सहित सीबीएसई विद्यालयों द्वारा अधिकतम शुल्क वसूलने को भी बिहार बोर्ड को चुनने की वजह बता रहे हैं। यहां तक की सीबीएसई के अलावे अन्य परीक्षा बोर्ड से भी विद्यार्थी बिहार बोर्ड मे नामांकन करा रहे रहे हैं। सीबीएसई से दशम करने के बाद बिहार बोर्ड के एक संस्थान मे 11 वीं कक्षा मे नामांकन लेने वाली आकांक्षा कुमारी और रिया कुमारी बताती है की जब वे एक दो सीबीएसई स्कूलों मे गयी तो वहां फ्लांइग नामांकन के नाम पर उनसे चालीस से पचास हजार रूपये तक की मांग की गयी। जबकि बिहार बोर्ड के संस्थानों मे पांच से दस हजार का खर्च ही आ रहा है। साथ ही बिहार बोर्ड की परीक्षा मे प्रश्नों की शैली काफी आसान है और प्रतियोगी परीक्षा के पैटर्न पर है। ऐसी स्थिति मे वे लोग बिहार बोर्ड के ही संस्थान मे नामांकन लेकर पढाई कर रही है। कुछ सीबीएसई स्कूल तो पैसा ऐंठने का अड्डा बन चुके है। बक्सर की ही बात करे तो एक या दो विद्यालय ही बच्चों का रेगुलर क्लास हेतु नामांकन लेते है जबकि कई ऐसे विद्यालय हैं जहां नामांकित बच्चों की संख्या अधिक है लेकिन उनमे से अधिकांश फ्लांइग मोड मे है।
2024 में सीबीएसई सहित अन्य परीक्षा बोर्ड के लगभग 96 हजार विद्यार्थियों ने ली है बिहार बोर्ड के स्कूलों मे दाखिला
बिहार बोर्ड के एक आंकडे के अनुसार साल 2024 में सीबीएसई एवं अन्य परीक्षा बोर्ड के लगभग 96 हजार विद्यार्थियों ने बिहार बोर्ड से संबद्धता प्राप्त संस्थानों मे नामांकन लिया है।वहीं 2023 में सीबीएसई बोर्ड के 94,659 विद्यार्थियों ने बिहार बोर्ड के स्कूलों में नामांकन लिया था। आंकडे बता रहे है की साल 2018 से लेकर अब तक सीबीएसई सहित दूसरे परीक्षा बोर्डो से करीब 7 लाख विद्यार्थियों ने बिहार बोर्ड के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में 11वीं कक्षा में नामांकन लिया है।