ग्रेजुएशन अब चार साल मे होगा कंप्लीट……
चार वर्ष का पाठ्यक्रम पूरा करने की फिलहाल नही रहेगी अनिवार्यता
बीआरएन बक्सर। बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में इसी सत्र (2024-28) से स्नातक कोर्स में चार वर्षीय च्वायस बेस्ट क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) पर आधारित पढ़ाई की जायेगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और राजभवन से जारी दिशा-निर्देश के अनुसार, छात्र-छात्राओं के लिए आठ सेमेस्टर अर्थात चार वर्ष का पाठ्यक्रम पूरा करने की फिलहाल अनिवार्यता नहीं रहेगी ।
सातवें सेमेस्टर मे नामांकन लेना स्वेच्छा पर है निर्भर
स्नातक की उपाधि पहले की तरह ही तीन साल अर्थात छह सेमेस्टर की पढ़ाई पूरी करने पर ही मिलेगी। लेकिन जिन विद्यार्थियों का छठे सेमेस्टर में 7.5 सीजीपीए (कम्युलेटिव ग्रेड प्वाइंट एवरेज) या उससे अधिक अंक होगा, वे सातवें सेमेस्टर में नामांकन के योग्य माने जायेंगें । ऐसे सातवें सेमेस्टर मे नामांकन लेना उनकी स्वेच्छा पर निर्भर होगी। चार वर्षीय स्नातक कोर्स कर लेने पर स्नात्तकोत्तर एक वर्ष का ही होगा।राजभवन से जारी दिशा-निर्देश के अनुसार, विद्यार्थी छह सेमेस्टर की पढ़ाई पूरी करते हैं और छह सीजीपीए से कम अंक प्राप्त करते हैं तो उन्हें सिर्फ स्नातक की उपाधि मिलेगी। छह सीजीपीए से अधिक अंक प्राप्त करने पर स्नातक (प्रतिष्ठा) अर्थात आनर्स की उपाधि दी जाएगी।
दो वर्ष अर्थात चार सेमेस्टर पूरा करने पर मिलेगी यूजी डिप्लोमा की डिग्री
इसके साथ ही पहले दो सेमेस्टर की पढ़ाई पूरी करने के बाद विद्यार्थी यदि पढ़ाई छोड़ना चाहते हैं तो उन्हें सर्टिफिकेट मिलेगा तथा दो वर्ष अर्थात चार सेमेस्टर पूरा करने पर यूजी डिप्लोमा दिया जाएगा। सीजीपीए का निर्धारण सेमेस्टर के कुल क्रेडिट और एसजीपीए पर निर्भर करता है। चार वर्षीय स्नातक कोर्स में प्रत्येक सेमेस्टर 20 क्रेडिट का निर्धारित है। संबंधित सेमेस्टर का एसजीपीए कुल क्रेडिट प्वाइंट और ग्रेड अंक का गुणाफल के कुल योग को 20 से भाग देने पर प्राप्त होता है।