
अंबेडकर चौक पर युवाओं ने पढा संविधान
ऋतुराज मौर्य ने संविधान की प्रस्तावना से की शुरुआत
बीआरएन व्यूरो, बक्सर।
संविधान निर्माता भारत रत्न बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर युवाओं के द्वारा अंबेडकर चौक स्थित बाबा साहब की प्रतिमा के समक्ष “संविधान पाठ” किया गया।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप मे पूर्व परिवहन मंत्री और वर्तमान बिहार प्रदेश महादलित आयोग के अध्यक्ष संतोष कुमार निराला रहे। उन्होने अपने संबोधन मे कहा कि बाबा साहब का योगदान अमर है। वह जनमानस के दिल में बसे हुए है। बिहार सरकार उनके विचारों को घर-घर पहुंचाने के लिए भीम संसद का आयोजन कर रही है। युवा सम्राट ऋतुराज मौर्य ने सबसे पहले संविधान की प्रस्तावना को पढ़ा । प्रस्तावना का पठन होने के बाद संविधान के महत्वपूर्ण अनुच्छेद और मूल अधिकारों के अनुच्छेदों को पढ़ा गया और साथ ही साथ इन अनुच्छेदों की व्याख्या सरल शब्दों में की गई ताकि आम जनता अपने अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जान सके। अनुच्छेद 14 समानता का अधिकार देता है अर्थात भारत के सभी नागरिक कानून के समक्ष समान है। अनुच्छेद 15 कहता है कि धर्म, मूल वंश, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता है। अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता का उन्मूलन की बात करता है। अनुच्छेद 18 उपाधियों का उन्मूलन करता है। समाज सेवी अखिलेश ठाकुर ने प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद कहा कि लोगों के बीच बाबा साहब के मूल्यों को फैलाना और संविधान को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। भूतपूर्व शिक्षक जनार्दन राम ने कहा कि बाबा साहब कहते थे शिक्षा वह शेरनी का दूध है जो पियेगा, वह दहाड़ेगा। इस कार्यक्रम में शिक्षक श्रीनिवास राम, दीनानाथ ठाकुर, ऋषिकेश बाबा, रंजीत गोंड, मनोहर राम, संतोष भारती आदि मौजूद रहे।