
रामरेखा घाट के विवाह मंडप में रामदरबार,भगवान वामन व तुलसीदास की पेंटिंग्स आकर्षण का है केंद्र !
घाट के सौंदर्यीकरण में लिखा गया स्लोगन, गंगा माँ को गंदा न करने का है आग्रह
बीआरएन बक्सर।
रामरेखा घाट की पौराणिक महत्ता काफी है।यहा पर्वों व त्योहारों पर स्नान करने व छठ पूजा करने को काफी भीड़ लगती है। इस दौरान गंगा नदी की स्वच्छता बनाए रखने एवं सौंदर्यीकरण के लिए यहां पेंटिंग कराया जा रहा है। विवाह मंडप की दीवारों पर रामदरबार की झांकी बनायी गई है। रामरेखा घाट की दीवारों पर पेंटिंग्स कर स्लोगन लिखे जा रहे हैं। सीढ़ियों की दीवार पर लिखा गया है कि गंगा में कचरा डाल कर गंगा मइया को अपमानित ना करें। इसके साथ ही एक महिला के हाथों बाल्टी से नदी में कूड़ा फेकने से गंगा मइया आंसू टपका रही है ऐसा चित्र दीवार पर उकेरा गया है । साथ ही महर्षि विश्वामित्र के आश्रम में शिक्षा ग्रहण करते शिष्यों का दृश्य भी चित्रांकित किया गया है। मंडप की एक दीवार पर माँ गंगा की आरती करते हुए घाट के पंडित मोती पांडेय का चित्रण हुआ है। वहीं उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देती महिला व्रती, बजरंगबली के कंधे पर बैठे राम और लक्ष्मण का हृदयग्राही दृश्य बनाया गया है। इससे घाट की सुंदरता बढ़ रही है।गंगा की स्वच्छता बनाने सहित घाट पर गंदगी नही फैलाने का आग्रह किया जा रहा है, क्योंकि इस घाट पर पर्यटकों का आना जाना भी लगता है।
घाट पर मिले मोती पांडेय,राम प्रवेश पांडेय,बिहारी पांडेय,छट्ठू पांडेय,पोंगा पंडित,ईश्वर चौधरी, संतोष राय व विनोद कुमार सिंह सहित अन्य लोगों ने बताया कि घाट की दीवारों पर इन मनमोहक पेंटिंग्स से गंगा में कूड़ा प्रवाहित न करने की सीख है । मोनालिसा प्रशिक्षण संस्थान के विनोद कुुमार सिंह कहते है कि घाट व नदी की सुंदरता हेतु जनजागरूकता की आवश्यकता है ।











