पठारी क्षेत्र के डॉ.सुभाष चंद्र का असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर हुआ चयन..
बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग से एलएनएमयू दरभंगा में दर्शन शास्त्र में हुआ चयन
दरभंगा के बीएमए कॉलेज बहेड़ी में अतिथि शिक्षक के रूप में हैं सेवारत
पठारी क्षेत्र का पहला शिक्षक जिन्होंने लहराया सफलता का परचम
राजीव कुमार पाण्डेय (भभुआ)। लक्ष्य तब आसान हो जाता है जब संकल्प दृढ़ हो और कठिन मेहनत को समर्पण का साथ मिल जाए। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है कैमूर के पहाड़ी क्षेत्र के शिक्षक डॉ.सुभाष चन्द्र सिंह खरवार ने ।इस प्रतिभाशाली शिक्षक का चयन असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए हुआ है। बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग की ओर से हुए साक्षात्कार के बाद रिजल्ट की पहली सूची शनिवार को जारी हुई जिसमें सुभाष का चयन ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में दर्शन शास्त्र विषय के लिए हुआ है।सुभाष ने बताया कि जल्द ही कॉलेज का आवंटन होने की उम्मीद है। बता दें कि असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर चयन होने से पहले सुभाष दरभंगा में बीएमए कॉलेज बहेड़ी में अतिथि शिक्षक के रूप में सेवारत हैं।सुभाष मूलतः अधौरा प्रखंड क्षेत्र के बिदुरी गांव निवासी रामाधार सिंह खरवार के पुत्र हैं।जहां पर आज भी लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए तरसते हैं।बिजली ,पानी एवं सड़क की सुविधा मुहैया कराने में सरकार विफल है।सुविधाओं के अभाव में भी इस तरह की सफलता कैमूर वासियों के लिए प्रेरणा स्रोत एवं सुखद नजरिया है।इस प्रतिभाशाली शिक्षक की प्रारंभिक शिक्षा राजकीय अनुसूचित जनजाति आवासीय उच्च विद्यालय बड़का गांव खुर्द (अधौरा)से हुई।इसके बाद इंटर की पढ़ाई सरदार वल्लभ भाई पटेल महाविद्यालय भभुआ से पूरी की।उच्च शिक्षा की पढ़ाई हेतु यह वाराणसी चले गए जहां काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू)से दर्शन शास्त्र विषय में एमए किया। नेट/जेआरएफ क्वालीफाई करने के बाद पटना विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि धारण की।इसके बाद दरभंगा में अतिथि शिक्षक के रूप में सेवा देने लगे।