
माता-पिता का दर्जा भगवान के बराबर, उचित देखभाल करें युवापीढ़ी..
संजय कुमार तिवारी सासाराम (रोहतास) । फादर्स डे (पितृ दिवस) पिताओं के सम्मान में एक व्यापक रूप से मनाया जाने वाला पर्व हैं। जो हमें हमारे जीवन में पिता का महत्व को समझाता है, तथा उन्हें विशेष महसूस कराने और परिवार के लिए उनके योगदान का एहसान मानने और उन्हें सम्मानित करने का अवसर प्रदान करता है। नेशनल सीनियर सिटीजन एसोसिएशन द्वारा शेरशाह इंटर स्तरीय स्कूल में रविवार को फादर्स डे पर आयोजित पिता सम्मान समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि सदर विधायक राजेश कुमार गुप्ता ने ये बाते कही। इससे पूर्व संघ के प्रधान संरक्षक जगतगुरु महर्षि अंजनेश जी महाराज तथा राष्ट्रीय महासचिव रामायण पांडेय “एलौन” ने संयुक रूप से कार्यक्रम का विधिवत उदघाटन किया। अपने सम्बोधन में श्री एलौन ने कहा कि माता-पिता का दर्जा भगवान के बराबर होता है लेकिन वर्तमान समाज एवं परिवार में बुजुर्गों की स्थिति काफी चिंताजनक है,उनका उचित देखभाल नही हो पा रहा है, जीवन के अंतिम पड़ाव में उन्हें अपनो का साथ नही मिल पा रहा है,परिजनों द्वारा ही उनहे सताने की सैकड़ों शिकायतें संगठन को मिल रही है, देश मे सीनियर सिटीजन एक्ट के मामले लगातार बढ़ रहे है, सरकारी स्तर पर भी उन्हें त्वरित न्याय नही मिल पा रहा है। एमएलसी अशोक पाण्डेय ने बुजुर्गों के प्रति अपने कर्तव्यों का भली भांति निर्वहन करने वाले युवाओं की सराहना करते हुए कहा कि परिवार में बुजुर्गों को उचित देखभाल, मान-सम्मान मिले एवं उन्हें कभी भी वृद्धाश्रम जाने की जरूरत नही पड़े यही असली मातृ-पितृ दिवस होगा।आज के सभी युवापीढ़ी को इसे सार्थक करना होगा ताकि आनेवाली पीढ़ी इसका अनुसरण कर सके।कार्यक्रम में पिताओ, अतिथियों एवं वरिष्ठ नागरिकों को अंगवस्त्र एवं फूलमाला से सम्मानित कर युवाओं को प्रेरित किया गया। अध्यक्षता सुग्रीव प्रसाद सिह, संचालन सत्यनारायण स्वामी तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रचार्य सतेंद्र कुमार ने किया।मौके पर एमएलसी अशोक पांडेय, डॉ. दिनेश शर्मा, महेंद्र प्रसाद, प्रेमचंद मेहता, डॉ. जावेद अख्तर, सुग्रीव प्रसाद सिंह, जगरोपन सिंह, रामायण चौबे, नर्वदेश्वर पांडेय (वरीय अधिवक्ता), सूर्यनाथ सिहं, सचिदानंद सिह, सुरेंद्र दुबे, विमल पांडेय, दशरथ प्रजापति, सत्यनारायण सिह, हरिशंकर तिवारी, हरीनाथ राम, कुशुम देवी, कुन्नू लाल, स्वामी रणजीतेशानंद, रोहन मेहता, प्रेमचंद ओझा, चंद्रशेखर सिह, रामकृत प्रजापति, सन्तन सिह, बिहारीलाल पाल, आचार्य मुनमुन दुबे, बद्रीनारायण सिंह, शिवपूजन सिंह, अंसार आलम, स्वामी अखिलेशनन्द सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे।