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कैमूर में मिड – डे मील को लेकर फिर हुआ बवाल…

 

सब्जी में निकला कीड़ा,बच्चों ने नाले में फेंका भोजन

 

अभिभावकों ने विद्यालय पहुंच एचएम से जताई नाराजगी,विभाग से जांच कराने की लगाई गुहार 

 

मामले पर कुछ भी बोलने से बचते रहे एचएम 

राजीव कुमार पाण्डेय (भभुआ)।  जिले में एक बार फिर शिक्षा महकमा चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल, एक विद्यालय में मध्याह्न भोजन योजना के तहत बच्चों को खाना परोसा जा रहा था।इसी बीच खाने में कीड़ा निकलने के बाद पूरे स्कूल में हंगामा मच गया। बच्चों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया और खाना खाने से साफ इंकार कर दिया।बच्चों ने भोजन को नाली में फेंक दी।ताजा मामला भभुआ प्रखंड क्षेत्र के उत्क्रमित मध्य विद्यालय नौंवाझोटी का है।प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त विद्यालय के एमडीएम में मंगलवार को सोयाबीन की सब्जी बनी हुई थी। बच्चों की थाली में चावल के बाद जब सब्जी परोसी गई तब कई बच्चों ने सोयाबीन में कीड़े (पीलू) देखे।पीलू कई बच्चों के थाली में देखे गए।इसके बाद बच्चों ने भोजन करने से मना करते हुए भोजन को नाली में फेंक दिया। मिड- डे मील में कीड़ा मिलने के बाद बच्चों में काफी आक्रोश था। बच्चें भोजन करने के लिए अपने – अपने घर चले गए और इसकी शिकायत अभिभावकों से की। बच्चों की बात को सुन कुछ अभिभावक विद्यालय के प्रधानाध्यापक से मिलने विद्यालय आए।इस क्रम में ग्रामीण नीरज कुमार विद्यालय कैंपस में ही मिल गए और उन्होंने बताया कि उनके बच्चें विद्यालय में पढ़ते हैं। सोयाबीन की बनी सब्जी में कीड़े मिलने की बात सामने आई है। एचएम से मिलकर भोजन की गुणवत्ता में सुधार करने का अनुरोध किया ताकि भविष्य में कोई अनहोनी न हो।वहीं उन्होंने शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों से मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की।इस मामले में संवाददाता ने जब एचएम से बात करनी चाही तो उन्होंने कुछ भी बोलने से साफ इंकार कर दिया।क्लास रूम में जाने पर बच्चों ने शिक्षकों के सामने खुले तौर पर सोयाबीन में पीलू (कीड़ा)मिलने की बात बताई। हालांकि राज्य और जिले में मिड – डे मील में लापरवाही युक्त भोजन करने से पूर्व में कई बच्चों की जान चली गई है फिर भी कुछ पैसों की लूट की वजह से विद्यालयों के एचएम एवं प्रबंधन समिति की मिली भगत से घटिया क्लास की सब्जी, दाल,मसाले खिलाकर बच्चों के सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा है। एमडीएम देख – रेख के जिम्मेदार केवल कागजों तक अपनी जांच करते हैं और कमियों को देखने के बाद पैसा पाकर उनका भी मुंह बंद हो जाता है।

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