♦इस खबर को आगे शेयर जरूर करें ♦

कैमूर के सिकेंद्र व मधुबनी के मिनाक्षी को मिला राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार ..

मीनाक्षी पैड वूमेन नाम से मशहूर,सिकेन्द्र ने विद्यालय को बनाया हाईटेक

चार वर्षों में कैमूर के तीन शिक्षकों को मला राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 

राजीव कुमार पाण्डेय (भभुआ)। शिक्षक दिवस पर बिहार के दो शिक्षकों को राष्ट्रपति शिक्षक पुरस्कार मिला। इनमें मधुबनी की डॉ. मीनाक्षी कुमारी और कैमूर के शिक्षक सिकेंद्र कुमार सुमन शामिल हैं। शिक्षक दिवस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दोनों शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2024 के अवॉर्ड से नवाजा।मधुबनी की डॉ. मीनाक्षी ने स्कूल में लड़कियों के लिए न सिर्फ सैनेटरी पैड की मशीन लगवाई, बल्कि स्कूल परिसर में सड़क भी बनवा दी। जबकि, कैमूर के सिकेंद्र कुमार सरकारी स्कूल में प्राइवेट की तरह सुविधाएं उपलब्ध करा रहे हैं।उन्होंने अपने ज्ञान और कौशल से स्कूल और स्टूडेंट्स को काफी हाइटेक बना दिया है। बच्चे यहां ऑनलाइन एग्जाम देते हैं। क्लास का समय होते ही ऑटोमैटिक घंटी बजने लगती है। 5वीं क्लास के स्टूडेंट ईमेल करते हैं।ज्ञातव्य है कि राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2024 के लिए बिहार से 6 शिक्षक नॉमिनेट किए गए थे। इसमें से दो सिलेक्ट हुए हैं।पिछले चार वर्षों में कैमूर के तीन शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार मिल चुका है।

 

मधुबनी की पैड वूमेन के नाम से मशहूर डॉ मीनाक्षी के बारे में जानकारी देते हुए 2021 में राष्ट्रीय शिक्षक से सम्मानित शिक्षक व मध्य विद्यालय डहरक के एचएम हरिदास शर्मा ने बताया कि डॉ. मीनाक्षी 2014 से शिवगंगा प्लस टू स्कूल में इतिहास विषय की शिक्षिका हैं। साथ ही उन्होंने स्पोर्ट्स एक्टिविटी के प्रति भी छात्रों को काफी जागरूक किया है। इसलिए उन्हें खेल शिक्षक का प्रभार भी सौंपा गया है। इनकी प्रेरणा और पहल से स्कूल की छात्राएं एथलेटिक्स में राज्य स्तर की पुरस्कार जीत चुकी हैं।इनके सफलता के पिछे की अनेक कहानियां जुड़ी हुई हैं।मीनाक्षी लड़कियों के लिए विशेष मुहिम ‘खुद पढ़ो और दूसरे को भी पढ़ाओ ‘ अभियान शुरू किया था। जिससे शिक्षा से वंचित सैकड़ों बच्चियां स्कूल आने लगीं। अब वह दूसरे बच्चों को पढ़ाती हैं। मीनाक्षी दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ भी छात्राओं को जागरूक करती हैं। दलित इलाकों में जाकर बड़ी संख्या में लड़कियों के एडमिशन कराए।उन्होंने बताया कि डॉ. मीनाक्षी को राजकीय शिक्षक पुरस्कार भी मिल चुका है। बिहार सरकार ने 2022 में उन्हें यह पुरस्कार दिया था। इसके अलावा भारत ज्योति श्री गुरु राष्ट्र सम्मान, ग्रेस लेडीस ग्लोबल बुक ऑफ रिकॉर्ड, सजग सिपाही सम्मान सहित अन्य संगठनों व संस्थानों से पुरस्स्कृत हो चुकी हैं।

कैमूर के शिक्षक सिकेंद्र कुमार सुमन की सफलता की गाथा 

सिकेंद्र कुमार सुमन कैमूर के न्यू प्राथमिक विद्यालय तरहनी के प्रभारी प्रिंसिपल हैं। उन्होंने बच्चों को तकनीक और कम्प्यूटर ट्रेनिंग देकर काफी हाइटेक बना दिया है। यहां के बच्चे मोबाइल पर ही ऑनलाइन परीक्षा दे सकते हैं। उन्होंने स्कूल में भी ऐसी व्यवस्था की है कि अन्य सरकारी स्कूलों से अलग दिखे। बच्चे टाई-बेल्ट लगा कर स्कूल आते हैं। 5वीं के छात्र ईमेल इस्तेमाल करते हैं। पढ़ाई से जुड़े कंटेंट ई मेल पर ही शेयर करते हैं।सिकेंद्र कुमार राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान पुरस्कार पाने वाले कैमूर जिले के तीसरे शिक्षक हैं। 2021 में रामगढ़ प्रखंड की मिडिल स्कूल डहरक के हेड मास्टर हरिदास शर्मा, 2023 में रामगढ़ की आदर्श बालिका इंटर स्कूल के प्रधानाध्यापक अनिल सिंह को भी राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुका है।राष्ट्रीय अवॉर्ड में शिक्षकों को राष्ट्रपति के हाथों से प्रशस्ति पत्र मिलता है और इनाम के तौर पर 80 हजार रुपए भी मिलते हैं।रामगढ़ के उक्त दोनों शिक्षकों ने सम्मान के तौर पर प्राप्त राशि को विद्यालय को समर्पित कर दिया है।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now

जवाब जरूर दे 

Sorry, there are no polls available at the moment.

Related Articles

Close
Close
Website Design By Mytesta.com +91 8809666000