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कायस्थ परिवार ने की भगवान चित्रगुप्त की पूजा…

 

 

न्यायालय में भगवान चित्रगुप्त की होनी चाहिए प्रतिमा –

सुमन श्रीवास्तव 

बीआरएन बक्सर ।   कायस्थ परिवार के जिला कार्यालय में संयोजक सुमन कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में भगवान चित्रगुप्त की पूजा विधि विधान के अनुसार सरकंडा के कलम एवं स्याही के द्वारा लेखनी कटनी हस्त चित्रगुप्त नमोस्तुते मंत्र को लिखकर पंडित निर्मल पांडे के द्वारा की गई। वेद के अनुसार भगवान चित्रगुप्त की पूजा कार्तिक शुक्ल पक्ष यमद्वितीया के दिन की जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कायस्थ जाति को उत्पन्न करने वाले भगवान चित्रगुप्त जी महाराज का जन्म कार्तिक शुक्ल पक्ष के द्वितीय दिन संसार का लेखा-जोखा रखने हेतु ब्रह्मा जी के तपस्या से उनकी काया से हुआ था इसलिए इसी दिन कायस्थ जाति के लोग अपने-अपने घरों में भगवान चित्रगुप्त की पूजा करते हैं तथा सामूहिक रूप से मंदिरों में भी करते हैं। यह पूजा सभी शिक्षित लोगों को करना चाहिए । इनकी पूजा करने से शिक्षा के क्षेत्र में निपुण एवं घर में लक्ष्मी का वास होता है ।

उक्त अवसर पर कायस्थपरिवार के प्रदेश संयोजक वरीयअधिवक्ता सुमन कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि न्याय दिलाने वाले न्यायालय में भगवान चित्रगुप्त की प्रतिमा अवश्य होनी चाहिए क्योंकि यह न्याय के देवता हैं और न्यायालय में न्याय होता है इसलिए हरेक न्यायालय में उनकी प्रतिमा होने से न्याय में काफी प्रदर्शित होगी। उक्त पूजा में मुख्य रूप से कायस्थ परिवार के संरक्षण धन्नू लाल प्रेमातुर, विपिन लाल , विजयानन्द वर्मा, आकाश श्रीवास्तव, विकाश श्रीवास्तव आलोक बर्मा संजय लाल, सत्यम लाल, सतीश श्रीवास्तव, शोभा श्रीवास्तव, रंजना श्रीवास्तव, पिंकी श्रीवास्तव की सहभागिता रही।

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