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अनीश क्लासेज की छात्रा निधि को जेईई एडवांस्ड में मिली शानदार सफलता…

नजीर: फल व्यवसाई की बिटिया ने निःशुल्क घर से पढ़ाई करके रचा सफलता का इतिहास

बीआरएन रामगढ़। प्रतिभा संसाधनों की मोहताज नहीं होती।जिसके पास प्रतिभा और आत्मबल है वह संसाधनों की कमी के बावजूद भी कामयाबी के शिखर तक पहुंच सकता है।इस कथन को रामगढ़ की बिटिया निधि ने अपनी शानदार सफलता से सिद्ध कर दिखाया है।उसने अपने पहले प्रयास में ही जेईई एडवांस्ड में 3329 वाँ स्थान प्राप्त कर परिवार,संस्थान व जिले का नाम रोशन किया है।निधि नगर पंचायत रामगढ़ निवासी जयराम चौधरी व किरण देवी की पुत्री है।वह पांच भाई बहनों में चौथे नंबर पर है।पिता फल व्यवसाई हैं जो फुटपाथ पर ठेला लगाकर फल बेचा करते हैं।निधि ने अपनी सफलता से यह सिद्ध कर दिखाया है कि मेहनती और लगनशील छात्र अपने आस – पास के संस्थानों से शिक्षा ग्रहण कर सफलता का परचम लहरा सकते हैं।वैसे छात्रों को कोटा या अन्य जगहों पर जाकर पढ़ाई पर ज्यादा खर्च करने की कोई आवश्यकता नहीं है।इस उपलब्धि से क्षेत्र में खुशी की लहर है।ज्ञातव्य हो कि निधि की इस सफलता के पीछे अनीश क्लासेज का बहुत बड़ा योगदान है।जहां से उन्होंने निःशुल्क तैयारी करके यह सफलता हासिल की है।अपनी छात्रा की सफलता से गदगद अनीश क्लासेज के संचालक अनीश सिंह ने बताया कि निधि शुरू से ही मेधावी छात्रा रही है।वह उनके संस्थान से शिक्षा ग्रहण कर 2024 के इंटर की परीक्षा में 83.6 % अंक हासिल किया था।इसके बाद निधि उनके संस्थान से निःशुल्क तैयारी करके यह सफलता अर्जित की है।उन्होंने निधि के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।निधि ने बताया कि उसे अपने रैंक के आधार पर आईआईटी कानपुर में बायोटेक्नोलॉजी मिलने की उम्मीद है।बचपन से ही उसका सपना वैज्ञानिक बन कर देश की सेवा करने की थी। लेकिन,वह इस सफलता से भी बहुत खुश है।अनीश क्लासेज ने उसके सपनों को पंख लगाने का काम किया।परिवारिक गरीबी उसके शिक्षा में बाधक नहीं बनी।माता – पिता व गुरुजनों ने उसका हर वक्त भरपूर सहयोग किया।उसकी सफलता का पूरा श्रेय अनीश क्लासेज को जाता है।जिसके वजह से वह पूंजी के अभाव में भी निःशुल्क अपनी तैयारी करके सफल हुई।

निःशुल्क शिक्षा दे अनीश क्लासेज ने सैकड़ों छात्रों को बनाया सफल 

रामगढ़ में अनीश क्लासेज की शुरुआत 2014 में हुई।वह अपना 11 वर्ष पूरा कर चुका है।जहां पर मेडिकल व इंजीनियरिंग की तैयारी करने वाले छात्र – छात्राओं को निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जाती है। यहां पर इंटर साइंस के बच्चें भी बड़े पैमाने पर कोचिंग करने जाते हैं जिनसे संस्थान के संचालक द्वारा एक मामूली सी मासिक फीस ली जाती है।इन ग्यारह वर्षों के दौरान इस संस्थान से निःशुल्क तैयारी करके सैकड़ों बच्चों ने डॉक्टरी और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में दाखिला लिया है।2021में रामगढ़ के अभिषेक भारती ने भी इस संस्थान से तैयारी करके उक्त परीक्षा को पास किया था और आईआईटी कानपुर में नामांकन कराया।वर्तमान में वह बीपीसीएल कंपनी में 20 लाख के पैकेज पर जॉब कर रहे हैं।

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