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राष्ट्रीय रीडिंग डे पर राज कोचिंग सेंटर बक्सर के बच्चों ने किताबों संग दोस्ती की लिया संकल्प ! 

 

रीडिंग कभी धोखा नहीं देता बल्कि स्वयं को करता है आलोकित – राजेश चौबे

बीआरएन बक्सर- 19 जून 2025:-राष्ट्रीय रीडिंग डे के अवसर पर बक्सर स्थित राज कोचिंग सेंटर (नगरपरिषद भवन के पीछे) में छात्र- छात्राओं ने सस्वर पठन किया। कहा जाता है कि पठन मन को सशक्त करता है, वाणी को परिष्कृत करता है, और आत्मा को मुक्त करता है। कोचिंग के निदेशक राजेश चौबे ने आज के बच्चों पर चिंता जाहिर करते हुए कहा की बच्चें किताबों से दूरी बना रहे हैं। क्लास रूम मे किताब नही लाते हैं। ऑन लाईन के युग मे केवल सुन रहे है न कि स्व पठन एवं स्वलेखन कर रहे हैं।वे किताबों का समुचित अध्ययन एवं पठन नहीं कर रहे हैं। आज भी वहीं विद्यार्थी सफल हो रहे हैं जो किताब के साथ जुड़ाव रखते हुए एक एक लाइन को स्वयं पढते हैं। पढ़ना आत्मनिर्भरता, आत्म-सम्मान और सामाजिक बदलाव का प्रवेश द्वार है। जितना अधिक आप पढ़ते हैं, उतना ही ऊंचा उठते हैं। रीडिंग लगाना न केवल एक कौशल है , बल्कि मानसिक और भावनात्मक समृद्धि को देने वाला है। आज का पाठक कल का नेतृत्व कर्ता होता है। अतः अपना भविष्य एक-एक पन्ने से रचा जा सकता है।किताबों की मौन संगति में सबसे ऊंची पुकार छिपी होती है। पढ़ना कभी धोखा नहीं देता, केवल आलोकित करता है।

भारत के पूर्व राष्ट्रपति के आर नारायणन ने 8 अप्रैल 1999 को इंडियन न्यूजपेपर सोसायटी के हीरक जयंती समारोह मे भाषण देते हुए कहा था….

“मानव और मुद्रित शब्द के बीच एक घनिष्ठ संबंध है। यह सार्वभौमिक अनुभव की बात है कि जब आप कुछ पढ़ते हैं, तो आपका पूरा अस्तित्व उस पर प्रतिक्रिया करता है, वीडियो या मौखिक व्याख्यान के विपरीत। मुद्रित शब्द वास्तव में आत्मा को झकझोरने वाला साधन है।”

 

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