
कंस व देवकी संवाद की कथा सुन भावविभोर हुए भक्त
बी आर एन व्यूरो
बक्सर।
श्रीलक्ष्मी नारायण मंदिर के प्रांगण में त्रिदंडी स्वामी की पुण्य तिथि पर आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में मंगलवार को कंस व देवकी संवाद की कथा सुनाई गई। जिसे सुनकर श्रोता भाव विभोर हो गए।अनन्त विभूषित जगद्गुरु रामानुजाचार्य पुष्कर पीठाधीश्वर स्वामी रामचंद्राचार्य जी महाराज ने कृष्ण जन्म की कथा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि वसुदेव कृष्ण को गोकुल छोड़ कर आ गए। साथ ही नंद के घर पैदा हुई कन्या को लेकर बंदीगृह पहुंचे तो, सभी दरवाजे अपने आप बंद हो गए और वासुदेव और देवकी की बेड़ियां फिर से लग गईं।

तभी शिशु के रोने की आवाज़ सुनकर कारागार के पहरेदारों ने राजा कंस को देवकी के गर्भ से कन्या होने की जानकारी दिया। कंस उसी क्षण अति व्याकुल होकर हाथ में तलवार लेकर बन्दीगृह की ओर दौड़ा पड़ा। तभी देवकी कंस के आगे हाथ जोड़कर बोली कि भैया, यह बच्ची तो नादान है। जबकि भविष्यवाणी तो पुत्र होने की हुई थी। इस कन्या को तो छोड़ दीजिए।इस कन्या का वध कर देंगे तो मेरी कोख तो हमेशा के लिए उजड़ जाएगी। कंस अपनी बहन की बातों को अनसुना कर तत्काल उस कन्या को देवकी के हाथ से छीन लिया और पत्थर पर पटकने के लिए उठाया। तभी कन्या उसके हाथों से निकल कर आकाश की ओर उड़ गई।साथ ही कंस से कहा कि तुझे मारने वाला तो कोई और है। कथा के दौरान देवरिया पीठाधीश्वर जगत गुरु रामानुजाचार्य राजनारायणाचार्य ,गया पीठाधीश्वर वेक्तेस्शाचार्य व लक्ष्मी नारायण मंदिर चरित्रवन सिद्धाश्रम बक्सर के प्रधान पीठाधीश्वर जगत गुरु रामानुजाचार्य स्वामी राजगोपालाचार्य जी महाराज सहित अन्य श्रोता मंचासीन रहे।











