♦इस खबर को आगे शेयर जरूर करें ♦

मानवता का मूलाधार है प्रभु श्रीराम का चरित्र- राजीव ओझा   

आईमास कंप्यूटर एडुकेशन मे आयोजित हुआ रामोत्सव 

बीआरएन बक्सर। 

मेन रोड महावीर मंदिर के निकट स्थित आईमास कंप्यूटर एडुकेशन के प्रांगण मे शुक्रवार को दैनिक जागरण के द्वारा रामोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया गया। उक्त कार्यक्रम मे आईमास कंप्यूटर एडुकेशन के निदेशक राजीव कुमार ओझा ने कहा कि आज की पीढ़ी छोटी-छोटी बातों पर डिप्रेशन में चली जा रही है। आत्महत्या तक का भाव भी मन में आने लगता है। लेकिन प्रभु श्रीराम को जब चौदह वर्ष का वनवास मिला तो वे सहर्ष स्वीकार कर पत्नी और भाई लक्ष्मण के साथ वन गमन को निकल पडे। वह जंगलों में भटकते हुए खुद व पत्नी सीता तथा भाई लक्ष्मण की सुरक्षा की जिम्मेदारी उठायी। राजपरिवार में जन्मे राम को नंगे पांव वल्कल पहने कांटो पर चलना पड़ा। मर्यादापुरुषोत्तम श्रीरामचंद्र से आज के युवाओं को सीख लेनी चाहिए। प्रभु श्रीराम तो सर्वशक्तिमान थे, फिर भी सामान्य मानव की तरह कष्टों को सहते रहे ।वनवास के दिनों में प्रभु श्रीराम से माता सबरी ने पूछा की अगर सीता को ढूढने नही आते तो मुलाकात कैसे होती। तब श्रीराम ने माता सबरी से विनम्र भाव से कहा कि आने वाले पीढ़ी को सिखाने के लिए ही यहां आना पड़ा। अतः श्रीराम के चरित्र से हमें सीख लेनी चाहिए कि किसी भी तरह की विपदा व महासंकट का सामना धैर्यपूर्वक एवं विनम्र होकर करनी चाहिए, तभी सफलता मिलेगी और अपने लक्ष्य में कामयाब होंगे।मानवता का मूलाधार है राम का चरित्र। राम स्वयं परम ब्रह्म है और हम सब उनके अंश है। राम का चरित्र समाज को एक दिशा देने का कार्य करता है। वे मानवता के उत्थान के लिए कष्ट सहते हुए भी अद्भुत त्याग का प्रदर्शन किये। वे केवल सिर्फ इसलिए कई कड़े निर्णय लिए, जिससे समाज में कोई गलत संदेश न जाने पाये। प्रभु श्रीराम ने समाज के निचले पायदान के लोगों, स्त्रियों, ऋषि-मुनियों, नर-वानरों, सभी के उत्थान एवं एकजुटता के लिए बराबर का अधिकार देते हुए उनके बीच रहकर कार्य किया, जो मानवता का एक अद्भुत उदाहरण है। उनके इसी चरित्र को महान संत तुलसीदास जी ने रामचरित्र मानस के रूप में उद्धृत करते हुए समाज को और व्यक्ति को अपना चरित्र एवं आचरण कैसा रखना चाहिए, इसको वर्णित किया है।

इस अवसर पर पुजा कुमारी व जया कुमारी ने संयुक्त रूप से कौशल्या दशरथ के नंदन, राम ललाट पे शोभित चंदन,रघुपति की जय बोले लक्ष्मण, राम सिया का हो अभिनन्दन,ये रामायण है पुण्य कथा श्रीराम की सहित कई भजन मधुर स्वर मे गाया। छात्र अंकित उपाध्याय ने कहा कि प्रभु श्रीराम का जन्म लोक कल्याण के लिए हुआ था अतः उनसे विनम्रता व धैर्य की सीख अपने जीवन में लेनी चाहिए। सोनू कुमार सिंह ने कहा कि श्रीराम को मर्यादा पुरूषोत्तम बताया गया है। वे धैर्य,दयालुता, नेतृत्व क्षमता,मित्रता की प्रतिमूर्ति के साथ राजा होते हुए भी सन्यासी की तरह रहे। नीतू राय ने रामोत्सव में कहा कि माता पिता की आज्ञा पालन के लिए राजसुख का त्याग कर वनवासी का जीवन व्यतीत किया। मौके पर संकेत कुमार सिंह, अंकिता कुमारी, ईशा कुमारी, पलक वर्मा,नेहा ओझा,काजल कुमारी, विकास कुमार, साक्षी कुमारी, रुपाली तिवारी, वंदना कुमारी,पूजा कुमारी, निशा कुमारी व पवन पांडेय सहित अन्य उपस्थित थे।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now

जवाब जरूर दे 

Sorry, there are no polls available at the moment.

Related Articles

Close
Close
Website Design By Mytesta.com +91 8809666000