
मकर संक्राति पर श्रद्धालुओं ने गंगा घाटों पर लगायी आस्था की डुबकी !
बीआरएन व्यूरो बक्सर।
मकर संक्रांति के अवसर पर सोमवार को हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा के विभिन्न घाटों पर आस्था की डुबकी लगाई। पावन अवसर पर पुण्य स्नान कर श्रद्धालुओं ने मंदिरों मे तथा गरीबों को दान भी दिया। रामरेखाघाट , नाथबाबा घाट , सिद्धनाथ घाट सहित सभी गंगा घाटों पर मकर स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की अपाड भीड़ रही। कई स्थानों पर भंडारा का भी आयोजन किया गया था।
आचार्य धनजी चतुर्वेदी ने बताया कि संक्राति के दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है । इस दिन सूर्योपासना के साथ काला तिल, चावल, वस्त्र, अन्न व अन्य वस्तुओं का दान करना पुण्यदायक होता है। विशेषकर मकर संक्राति के दिन सुबह से शाम तक रामरेखा घाट पर मेला सा माहौल कायम रहा। लोग स्नान दान के बाद नदी किनारे दही, चुरा, तिलकुट आदि प्रसाद स्वरुप ग्रहण किये। रामरेखा घाट जाने वाला रास्ते मे श्रद्धालुओं के आवागमन से जाम सी स्थिति उत्पन्न हो गयी थी। गंगानदी मे स्नानोपरांत लोग श्री रामेश्वरनाथ मंदिर मे पूजा – अर्चना किये। आराध्य देव को तिल से बने लड्डुओं का भोग लगाकर पूजा की गयी ।
खिचड़ी खाने की है परंपरा
मकर संक्राति पर खिचड़ी खाने की परंपरा विद्यमान है। इस दिन स्नान दान करने के बाद दोपहर के बाद भोजन में खिचड़ी खाने का विशेष महत्व है। इस पर्व पर स्नान एवं दान का विशेष महत्व रहता है। मकर राशि में शनि के प्रकोप से बचने के लिए तिल, वस्त्र व अन्न का दान विप्रजनों को किया जाता है । इस दिन स्नान के साथ ही तिल के लड्डू, खिचड़ी व सेम की सब्जी खाने का महत्व है। इस दिन खिचड़ी खाने एवं खिचड़ी, तिल के दान का महत्व है। दक्षिण भारत में इसे पोंगल कहा जाता है। यहां के लोग चावल एवं मूंगदाल की खिचड़ी बनाते हैं।