बक्सर मे निर्दलीय उम्मीदवार दलगत का बिगाड रहे है खेल……
बीआरएन बक्सर। सात मई से बक्सर लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवारों का नामांकन प्रारंभ होने जा रहा है । करीब सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों का चेहरा भी क्लियर हो ही गया हैं। बीजेपी ने अश्विनी चौबे के जगह मिथिलेश तिवारी को एनडीए गठबंधन का उम्मीदवार बनाया है। वहीं राजद ने सुधाकर सिंह को महागठबंधन का उम्मीदवार बनाया है और बहुजन समाज पार्टी प्रदेश प्रभारी अनिल कुमार को चुनावी मैदान मे उतारने जा रही है। इन दलीय चेहरे वाले उम्मीदवारों के अतिरिक्त कुछ निर्दलीय भी चुनावी समर मे कूद रहे हैं। एक नाम तो यादव वोटों पर वर्चस्व रखने वाले ददन पहलवान का है। पहले भी ददन पहलवान निर्दलीय चुनाव लड चुके है। वहीं दूसरा प्रमुख निर्दलीय उम्मीदवार के रूप मे पूर्व आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा है जो बक्सर संसदीय क्षेत्र से सात मई को नामांकन करने वाले है । बता दे कि श्री मिश्रा चुनावी समर मे उतरने के लिए हाल ही मे स्वैच्छिक सेवानिवृति ले चुके है। इनके अलावे कुछ अन्य की भी चुनावी महासमर मे उतरने की संभावना जताई जा रही है ।
निर्दलीय उम्मीदवारों मे आनंद मिश्रा और ददन पहलवान के तरफ जनता का रुझान बता रहा है कि ये दलीय उम्मीदवारों की धड़कन बढा दिये हैं। आनंद मिश्रा ताबडतोड क्षेत्रीय भ्रमण कर रहे है । वह बुलेट से भी क्षेत्रीय दौरा पर जा रहे है। उनकी सभा मे उमड़ती युवाओं की भीड दलीय पार्टियों मे डर पैदा कर रही है। भाजपा और राजद के उम्मीदवार निर्दलीय उम्मीदवारों को एक दूसरे का एजेंट बताते हुए संकेत दे रहे हैं कि निर्दलीय दलीय पर भारी पड रहे हैं। निर्दलीय प्रत्याशियों के कारण दलीय प्रत्याशियों को मतों का नुकसान उठाना पड़ सकता है। मतदाताओं के मिजाज का क्या कहना ? अभी सोशल मीडिया पर “आनंद मे है” का ट्रेंड चल रहा है। भाजपा द्वारा आनंद को प्रत्याशी न बनाने पर उनके समर्थक गुस्सा जाहिर कर रहे हैं तो वहीं राजद द्वारा ददन को टिकट न देने पर उनके समर्थक रोष कर रहे हैं। अब तो वक्त ही बतायेगा कि कौन किसका बिगाड़ने जा रहा है खेल !