मोटे अनाज की खेती से बदलेगी किसानों की किस्मत
तिगुनी आमदनी के साथ मिलेगा पोषक आहार

खरीफ महाभियान में कृषि वैज्ञानिकों ने उन्नत खेती के दिए कई टिप्स
राजीव कुमार पाण्डेय (रामगढ़)।नगर क्षेत्र स्थित ई किसान भवन परिसर के समीप बुधवार को खरीफ महाभियान 2024 का आयोजन किया गया जिसमें क्षेत्र के सैकड़ों किसान मौजूद रहे।इस दौरान कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को उन्नत खेती के कई टिप्स देते हुए बताया कि मोटे अनाजों की खेती करने पर किसानों को सरकार द्वारा आर्थिक सहयोग मिल रहा है।इतना ही नही धान गेहूं की खेती करने वाले किसानों की तुलना में मोटे अनाज के उत्पादन से किसानों को तीन गुणा लाभ मिलेगा।वैज्ञानिकों ने जैविक खेती के लाभ ,फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर भी किसानों को प्रोत्साहित किया।वहीं अधौरा कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक मनीष कुमार ने मौसम अनुकूल कृषि के तहत खरीफ सीजन के फसलों की बुआई व उत्पादन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। वैज्ञानिकों ने बताया कि बदलते परिवेश में मोटे अनाज जैसे ज्वार, बाजरा, रागी, कोदो, सांवा व मड़ूआ को सूपर फूड कहा जा रहा है। तंदरुस्त सेहत की दृष्टि से इन फसलों की खेती सभी को करनी चाहिए।इससे कूपोषण की चुनौती से लोगों को छूटकारा मिलेगा। वैज्ञानिकों ने बताया कि मोटे अनाज की खेती जलवायु के अनुकूल है। इसकी खेती में पानी और उर्वरक बहुत ही कम देना पड़ता है। इसकी खेती से खाद्य व पोषण सुरक्षा के अलावा मिट्टी की उर्वरा शक्ति में भी बढ़ोतरी होगी।इसके अलावा वैज्ञानिकों ने धान की सीधी बुआई जीरो टिलेज सिस्टम से करने पर जोर देते हुए बताया कि इस विधि से धान की खेती करने पर पटवन के पानी व श्रम की बचत होती है। धान के उन्नत और नये प्रभेदों की जानकारी दी। वर्षा कम होने पर या जरुरत भर वर्षा न होने की स्थिति में खेती करने के तरीके बताए ताकि उत्पादन प्रभावित न हो सके। चीनी व गुड़ के फायदे बताते हुए ईख की खेती करने पर भी जोर दिया।इस अवसर पर बीएओ मृत्यूंजय कुमार सिंह, कृषि समन्वयक जितेन्द्र सिंह, जयप्रकाश सिंह, शैलेन्द्र कन्नौजिया, अरविंद राय, किसान सलाहकार विजय गिरी, रामबिहारी सिंह, सुशील तिवारी, ब्रह्मदेव शर्मा, राहुल तिवारी, दीपक सिंह, अवधेश पाल, प्रभात कुमार,किसान रघुनाथ सिंह ,अजय कुशवाहा,संतोष कुशवाहा,छवि राम,श्याम बिहारी गिरी समेत तमाम किसान मौजूद रहे।












