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अंतिम सोमवार को श्री रामेश्वरनाथ मंदिर मे उमड़ी भक्तों की अपार भीड….

दोपहर 1:30 बजे तक भद्रा, इसके बाद ही राखी बंधवाना शुभदायक 

कांग्रेस जिलाध्यक्ष डॉ मनोज कुमार पांडेय और रेडक्रॉस के सचिव डाॅ श्रवण तिवारी ने रामेश्वरनाथ मंदिर मे की पूजा अर्चना 

बीआरएन बक्सर।  सावन के अंतिम सोमवार को भक्तों की भीड़ स्थानीय शिव मंदिरों में उमड़ी। इस बार का सुखद संयोग यह रहा कि सावन की शुरुआत भी सोमवार से हुई थी और महीने का समापन भी सोमवार को ही हुआ। रक्षाबंधन और सावन का सोमवार एक दिन पड़ने से यह सुखद संयोग भक्तों के लिए शुभदायक है । रामरेखाघाट पर स्थित श्री रामेश्वरनाथ मंदिर में अहले सुबह से ही भक्तों की भीड़ इकट्ठा होने लगी थी। रामरेखा घाट पर गंगा स्नान के बाद भक्त श्री रामेश्वरनाथ मंदिर मे शिव लिंग पर जल अर्पित किये और मनोकामना पूर्ण होने की प्रार्थना किये। ऐसा ही दृश्य लगभग शहर के सभी मंदिरों मे रहा।

प्रशासनिक उदासीनता से भक्तों मे दिखी नाराजगी 

श्री रामेश्वरनाथ मंदिर मे अधिक भीड हो जाने के वजह से भक्त धक्का मुक्की भी करते नजर आये। हांलांकि प्रशासन के तरफ से कोई खास इंतजाम नही किया गया था। जिसका आलम यह था कि मंदिर जाने वाली सड़क मे मोटर साइकिल और रिक्शा के परिचालन होने से भीड की स्थिति बनी रही , जिससे भक्त नाराज दिखे।

कांग्रेस  जिलाध्यक्ष डॉ मनोज कुमार पांडेय और रेडक्रॉस के सचिव डाॅ श्रवण तिवारी ने शिवलिंग पर अर्पित किया गंगाजल 

कांग्रेस के जिलाध्यक्ष डॉ मनोज कुमार पांडेय और रेडक्रॉस के सचिव डाॅ श्रवण तिवारी मंदिर मे सपरिवार बाबा श्री रामेश्वरनाथ के शिव लिंग पर जल चढा कर शहर की सुख समृद्धि व शाति व्यवस्था हेतु प्रार्थना  किये। हर हर महादेव के नारों सहित पंडितों के मंत्रोच्चारण से मंदिर परिसर का वातावरण गुंजायमान रहा।

क्या कहते है आचार्य धनजी चतुर्वेदी 

आचार्य धनजी चतुर्वेदी के अनुसार दोपहर 1:30 बजे तक भद्रा है अतः इसके बाद ही राखी बंधवाना शुभदायक है।  आचार्य जी के अनुसार श्रावण पूर्णिमा को भद्रामुक्त काल में राखी बांधनी चाहिए। इस साल का संयोग भी अद्भुत है। सोमवार को श्रावण मास की समाप्ति हो रही है। इसी दिन सावन का आखिरी सोमवार है। पूर्णिमा सोमवार को भोर में 3:04 मिनट पर शुरू होगी, जो रात 11:55 बजे समाप्त होगी। जबकि भद्राकाल सुबह 5:30 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक रहेगा। इसके बाद ही राखी बांधना शास्त्रोक्त है। राखी भद्राकाल समाप्त होने के बाद से रात 8:52 बजे तक बांधी जा सकेगी। आखिरी सावन सोमवार पर रवि योग, शोभन योग, सर्वार्थ सिद्धि योग आदि बन रहे हैं। इन शुभ योगों में शिव पूजा करना बहुत मंगलदायी है। रक्षाबंधन पर आखिरी सावन सोमवार के दिन शिव जी की पूजा और अभिषेक करने के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 5:53 बजे से 8:10 बजे तक है।

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