
मंगलवार से तीन दिनों तक जिले में बूथ लगाकर खिलाई जाएगी फाइलेरिया रोधी दवाएं
- – जिले के 18,54,795 लक्षित लाभुकों में से 14,17,461 को खिलाई जा चुकी है फाइलेरिया रोधी दवा
- – दवा खाने से मना करने वाले लोगों को किया जा रहा जागरूक, 102 रिफ्यूजल के मामले किए गए ब्रेक
बीआरएन बक्सर | जिले में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के तहत लोगों को घर घर जाकर दवाओं का सेवन कराया जा रहा है। लेकिन, मंगलवार से जिले में बूथ लगाकर दवाओं का सेवन कराया जाएगा। जिसकी सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। निर्धारित माइक्रो प्लान के तहत 27 से लेकर 29 अगस्त तक जिले के सरकारी व निजी स्कूलों के साथ साथ सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं में बूथ लगाकर लोगों को फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन कराया जाएगा।
इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ. सुरेश चंद्र सिन्हा ने बताया कि जिले में 10 से 26 अगस्त तक आशा कार्यकर्ताओं द्वारा घर घर जाकर दवाओं का सेवन कराया गया। लेकिन अब बूथ लगाकर लाभुकों को दवाओं का सेवन कराया जाएगा। ताकि, छूटे हुए लोगों व लाभुकों को इस अभियान का लाभ मिल सके। उन्होंने बताया कि इस दौरान जो भी लाभुक दवाओं का सेवन करने से वंचित रह जाएंगे, उन्हें मॉप अप राउंड में अनिवार्य रूप से दवाओं का सेवन कराया जाएगा। ताकि, कोई भी फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन करने से वंचित न रहे।
76.13 प्रतिशत लाभुकों ने खाई फाइलेरिया रोधी दवाएं:-
अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया जिले में डोर टू डोर कैंपेन के दौरान 25 अगस्त की शाम तक 76.13 प्रतिशत लाभुकों को फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन कराया जा चुका है। इसके लिए पूरे जिले के 1854795 लाभुकों को चिह्नित किया गया था। जिनमें अब तक 1417461 लाभुकों को दवाओं का सेवन कराया जा चुका है। उसके बाद जो भी लाभुक दवाओं का सेवन करने से वंचित रह गए हैं, उन्हें बूथ लगाकर दवाओं का सेवन कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि बूथ स्तरीय अभियान के दौरान विभाग का पहला फोकस स्कूली बच्चों को दवाओं का सेवन कराना है। ताकि, उन्हें फाइलेरिया के प्रभाव से बचाया जा सके। इसके लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी के साथ साथ सभी प्रखंड के शिक्षा पदाधिकारियों से पत्राचार किया जा चुका है। ताकि, सरकारी और निजी स्कूलों में बूथ का संचालन सुगम तरीके से किया जा सके।
रिफ्यूजल के मामलों को कराया जा रहा ब्रेक :-
डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया कि 25 अक्टूबर तक जिले में एडीआर के कुल 78 मामले सामने आए। जिनका समय से प्राथमिक इलाज किया गया है। फिलवक्त एडीआर के सभी लाभुक स्वस्थ हैं। वहीं, दूसरी ओर जिले में अब तक 763 लोगों ने दवाओं का सेवन करने से इन्कार कर दिया था। जिनको जागरूक करते हुए 102 लोगों को दवाओं का सेवन कराया जा चुका है। जिसमें स्वास्थ्य विभाग के साथ साथ पीरामल फाउंडेशन, पीसीआई और सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च जैसी सहयोगी संस्थाएं पूरी तरह से सहयोग कर रही है। उन्होंने बताया कि रिफ्यूजल के मामले में ज्यादातर लोगों के बीच भ्रांतियां देखी जा रही है। इसलिए ऐसे लोगों को समझाते हुए दवाओं का सेवन कराया जा रहा है। हालांकि, मॉप अप राउंड में शेष बचे हुए मामलों को भी ब्रेक कर लिया जाएगा। ताकि, सभी फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन कर इस रोग से स्वयं को सुरक्षित कर सकें।