
आईमास कंप्यूटर सेंटर ने शिक्षक एवम सिपाही के पद पर चयनित छात्राओं को किया सम्मानित !
ग्रामीण समाज की रूढ़िवादी सोच को तोड़कर मंजिल पाने मे हुई हैं सफल – डब्लू पाठक।
बीआरएन बक्सर । धनसोई स्थित आई मास कंप्यूटर संस्थान में सोमवार को संस्थान के निदेशक डब्लू पाठक ने शिक्षक पद के लिए चयनित निभा कुमारी एवम बिहार पुलिस में सिपाही पद पर चयनित बिभा कुमारी और दिव्या कुमारी को अंग-वस्त्र और पौधा देकर सम्मानित किया। उक्त संस्थान के निदेशक श्री पाठक ने बताया कि बिहार पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा में बेटियों ने इतिहास रच दिया है क्योंकि 21,391 चयनित अभ्यर्थियों में से 11,178 बेटियाँ ही है। निदेशक श्री पाठक ने आगे बताया कि जिले के चिरैयाटांड़ गाँव के रहने वाले सुरेंद्र सिंह यादव की दो बेटियों ने एक साथ बिहार पुलिस की नौकरी प्राप्त की हैं। उनके पिता सुरेंद्र यादव पेशे से किसान है ।उनकी पाँच बेटियां है । सबसे बड़ी बेटी निभा कुमारी बीपीएससी 3 के तहत शिक्षिका के पद पर चयनित हुई है। वह छात्र-छात्राओं में ज्ञान का निर्माण कर रही है। वहीं दूसरी बेटी बिभा का चयन बिहार पुलिस के सिपाही के पद पर हुआ है। इसके अतिरिक्त रोहतास जिला अंतर्गत गंगाढ़ी ग्राम के दयानंद यादव की पुत्री दिव्या कुमारी का भी चयन बिहार पुलिस मे सिपाही के पद पर हुआ है। दिव्या के तीन बहन एवम एक भाई है । दिव्या बताती है कि उसकी माता का देहांत बचपन मे ही हो गया था। वह अपने किसान पिता की छत्र-छाया में पली बढी है।साथ ही बहन के प्यार एवम समर्पण की देन है कि वह अपनी पढाई जारी रखते हुए इस मुकाम को हासिल की है। सभी संस्थान की पूर्व मे छात्रा रह चुकी है। संस्थान उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता है। निदेशक डब्लू पाठक के अनुसार सभी शुरू से ही मेधावी और संघर्षपूर्ण छात्रायें रही है। यह उन बेटियों के सपनों ,संघर्षों और हौसलों की कहानी है जिन्होंने ग्रामीण समाज की रूढ़िवादी सोच को तोड़कर अपनी मंजिल पाने मे सफल हुई हैं। इन बेटियों के लिए यह सिर्फ एक नौकरी नही बल्कि उनके स्वभिमान और अस्तित्व की नई पहचान है। कल तक जिन बेटियों की पूरी जिंदगी घर की चार दीवारी तक सीमित थी और जिनकी पढ़ाई पूरी होने से पहले शादी की बात शुरू हो जाती थी, आज उन्हीं बेटियों ने बिहार पुलिस की वर्दी पहनकर राज्य की सेवा करने के योग्य साबित कर दिखाई हैं।