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चौकियें मत – बक्सर के एक विद्यालय में सात छात्राओं का हुआ जनेऊ संस्कार!

1972 से चली आ रही है यह परंपरा

 

बीआरएन बक्सर ।  नावानगर  प्रखंड के दयानंद आर्य प्लस टू विद्यालय में यज्ञ कराकर सात छात्राओं को जनेऊ धारण कराया गया । जनेऊ धारण करने के बाद छात्रायें काफी खुश नजर आ रही थी । यह परंपरा 1972 से चली आ रही है। हर साल विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं को उनकी इच्छा के अनुसार जनेऊ धारण कराया जाता है ।
विद्यालय के प्रधानाध्यापक संजीव कुमार पाल के उपस्थिति में आचार्य सिद्धेश्वर शर्मा और हरिनारायण आर्य के देख रेख में सात छात्राओं ने जनेऊ धारण किया।
नावानगर प्रखंड के मणिया गांव है जहाँ हर वर्ष वसंत पंचमी के दिन छात्राओं का जनेऊ संस्कार होता है। तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान यज्ञ का आयोजन कर छात्राओं को जनेऊ धारण कराया जाता है। यह कार्यक्रम मणिया के दयानंद आर्य प्लस टू विद्यालय में होता है । इस विद्यालय में पढ़ने वाली छात्रा और गांव की युवतियां यहां आकर अपनी मर्जी से जनेऊ धारण करती है। शिक्षा के विकास और खत्म हो रहे संस्कार को लेकर , चरित्र निर्माण को लेकर यज्ञ का आयोजन किया जाता है ताकि महिलाओ कों बराबरी का दर्जा मिल सके।

इन छात्राओ ने धारण किया जनेऊ

मणिया विद्यालय में पढ़ने वाली अंजली कुमारी, सीता कुमारी,चिंता कुमारी,रुनझुन कुमारी,रिमझिम कुमारी,अंजली कुमार और खुशबू कुमारी ने यज्ञोपरांत वैदिक मंत्रो से जनेऊ धारण कर की। सबसे पहले इसकी शुरुआत विद्यालय के संस्थापक आचार्य विश्वनाथ सिंह द्वारा अपनी चार पुत्रियों को सरस्वती पूजा के दिन जनेऊ धारण करवाया था। तब से यह प्रथा आज तक चल रही है इसकी पुष्टि करते हुए आचार्य सिद्धेश्वर शर्मा ने कहा कि बुधवार को विद्यालय की सात छात्राओं का जनेऊ संस्कार हुआ। उन्होंने आगे कहा कि परमात्मा की अनमोल रत्न बेटियां मानव समाज की मूल है। इनके संरक्षण व सम्मान के बिना कोई भी विकास अधूरा रहेगा।

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