
किसानों,बच्चों एवं महिलाओं के सिर से गिरे खून के हर कतरे का लिया जाएगा हिसाब – किसान मोर्चा



बीआरएन व्यूरो बक्सर। 23 मार्च को शहीदेआजम भगत सिंह की शहादत दिवस के अवसर पर चौसा में किसानों पर हुए जुल्म के विरोध में सरदार भगत सिंह के स्मारक पर फूल माला चढ़ाकर किसान अपने आक्रोश को व्यक्त करेंगे और किसान आंदोलन को तेज करने का संकल्प लेंगे।
एस टी पी एल बक्सर थर्मल पावर प्लांट चौसा के लिए किसानों से जबरन अधिग्रहीत जमीन का वाजिब मुआवजा की मांग को लेकर निर्माणाधीन चौसा थर्मल पावर प्लांट के सवाल पर 17 अक्टूबर 2022 से किसानों के लगातार चल रहे शांतिपूर्ण आंदोलन को कुचलने के लिए बुधवार को किसानों, महिलाओं एवं बच्चों के ऊपर पुलिसिया तांडव,नंगा-नाच की घटना का बिहार राज्य किसान सभा घोर निंदा करती है तथा मोदी एवं नीतीश जी की डबल इंजन की सरकार से मांग करती है कि किसानों के ऊपर आंसू गैस का गोला बर्षाने, एवं अंधाधुंध लाठीचार्ज कर बेवजह दर्जनों किसानों,महिलाओं एवं बच्चों को बुरी तरह से घायल करने वाले पुलिस पदाधिकारियों पर अविलंब कठोर कार्रवाई की जाए।घायलों को ईलाज के लिए पर्याप्त मुआवजा तथा किसानों को जमीन का वाजिब मुआवजा का अविलंब भुगतान किया जाए, वर्ना किसानों,बच्चों एवं महिलाओं के सिर से गिरे खून के हर कतरे का हिसाब लिया जाएगा।
बिहार राज्य किसान सभा के महासचिव अशोक प्रसाद सिंह ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन को कुचलने के लिए लगातार पुलिस द्वारा बेवजह हमला किया जा रहा है।अंधाधुंध आंसू गैस का गोला बरसाना और भीषण लाठी चार्ज कर किसानों, महिलाओं एवं बच्चों को पीटना तथा गांव में घुसकर किसानों के दरवाजे पर खड़ी ट्रैक्टर एवं अन्य वाहनों के साथ तोड़फोड़ कर तहस नहस करने की कार्रवाई की घोर निंदा करते हुए सरकार से अविलंब कठोर कार्रवाई की मांग की है। किसानों का आरोप है कि पुलिस प्रशासन कारखाना प्रबंधन से मोटी रकम लेकर किसानों को डराने धमकाने और उनके आंदोलन को कुचलने के लिए बिगत 30 नवंबर 2022 को भी इसी प्रकार धरना स्थल पर हमला कर किसानों के द्वारा लगाए गए टेंट वगैरह को तोड़ना, खाने का सारा साजो सामान को उठाकर अपने साथ ले जाना और निर्दयतापुर्वक बच्चों एवं महिलाओं पर लाठी चार्ज किया गया था। किसानों के मनोबल को तोड़ने के लिए विगत 10 जनवरी 2023 को आधी रात को चोरो की तरह किसानों के घरों में घुसकर महिलाओं एवं बच्चों के साथ मारपीट एवं बदसलूकी की गई थी। फिर भी किसानों ने अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण आंदोलन के मैदान में डटे हुए हैं। आज फिर किसानों के आंदोलन को कुचलने की नियत से किसान विरोधी मोदी नीतीश की डबल इंजन की सरकार ने यह घोर अन्याय किया है।किसानों के ऊपर इस जुल्म को देखकर सम्पूर्ण देश और बिहार के किसान आज आक्रोशित है।चौसा के किसानों को जल्द न्याय नहीं मिला तो संयुक्त किसान मोर्चा संपूर्ण बिहार में उनके समर्थन में आंदोलन खड़ा करने को मजबूर होगा।












