मरिचांव मे हो रहे श्री रामेष्ठ महायज्ञ मे धार्मिक झाकियों को देख श्रद्धालु हो रहे हैं भाव विभोर…
16 को विशाल भंडारे के साथ होगा समापन
धार्मिक अनुष्ठानों से मन की विकृतियां होती हैं समाप्त – लल्लू पटेल
राजीव कुमार पाण्डेय (भभुआ)।स्थानीय प्रखंड क्षेत्र के मरिचांव में श्री रामेष्ठ महायज्ञ 9 जून से शुरू है जिसका समापन 16 जून को विशाल भंडारे के साथ होगा।इस उपलक्ष्य में सपाद लक्ष हनुमान चालीसा पाठ एवं हवन,प्रतिदिन संध्या 4 बजे से कथा,7 बजे से गंगा आरती तथा इसके बाद बाहर से आए कलाकारों द्वारा धार्मिक झाकियों की प्रस्तुति की जा रही है जो श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर रही है।जिसको देखने – सुनने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ जुट रही है।इसी कड़ी में शुक्रवार की शाम बाहर से आए कलाकारों द्वारा माता सती के वियोग में भगवान शंकर द्वारा किया गया तांडव नृत्य प्रस्तुत किया गया। कलाकारों ने तांडव नृत्य के जरिए माता सती के विरह की झांकी को जीवंत कर दिया। जो आकर्षण का केंद्र रहा।कलाकारों की कला को देख लोग भाव विभोर होकर झूम उठे।साथ ही लोग कलाकारों की खूब तारीफ करते नजर आए। इस दौरान भभुआ के जिला पार्षद विकास सिंह उर्फ लल्लू पटेल मौजूद रहे।कार्यक्रम के आयोजक कृपापात्र अरविंद स्वरूप ब्रह्मचारी जी एवं संयोजक विंध्याचल सिंह द्वारा उनका अंगवस्त्र के साथ भव्य स्वागत किया गया।वहीं श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए जिला पार्षद ने कहा कि धार्मिक अनुष्ठानों से मन की विकृतियां समाप्त होती हैं।मनुष्य के शरीर के अंदर प्रेम का भाव उत्पन्न होता है और सामाजिक एकजुटता को जन्म देता है जिससे समाज का भला होना अवश्यंभावी है।
बता दें कि इस यज्ञ का आयोजन अनंत विभूषित पूज्य श्री स्वामी विमल देव जी महाराज अस्सी घाट वाराणसी के तत्वाधान में आयोजित है।भगवान श्री राम के प्रिय भक्त संकट मोचन हनुमान जी का एक नाम रामेष्ठ भी है। रामेष्ठ का अर्थ है जो राम का प्रिय हो।