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रामगढ़ में सियासी हलचल तेज,बयानबाजी का दौर शुरू ..

राजद के संभावित उम्मीदवार अजीत सिंह ने बीजेपी पूर्व विधायक को दी लेटरजीवी की संज्ञा 

राजीव कुमार पाण्डेय (रामगढ़)।विधानसभा क्षेत्र 203 में उपचुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है।राजनीतिक दलों के संभावित उम्मीदवार अपनी जीत के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। मतदाताओं को अपने पक्ष में करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहते।हालांकि,निर्वाचन आयोग द्वारा इस विधानसभा में उपचुनाव की तारीखों का ऐलान नही किया गया है।फिर भी संभावित उम्मीदवार ताल ठोकते हुए नजर आ रहे हैं।राजनीतिक रस्साकसी तेज हो गई है।इसी बीच बयानबाजी का दौर भी शुरू हो गया है। भाजपा के संभावित उम्मीदवार पूर्व विधायक अशोक कुमार सिंह द्वारा कृषि फीडर में विद्युत आपूर्ति बढ़ाने के संबंध में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को एक पत्र लिखा गया है।पत्र में पूर्व विधायक ने जिक्र किया है कि धान की रोपनी का कार्य जोरों पर चल रहा है और बिहार बिजली बोर्ड द्वारा कृषि फीडर में मात्र 8 घंटा बिजली आपूर्ति किया जा रहा है। जिसके चलते किसानों की रोपनी ठीक से नहीं हो पा रही है।उन्होंने पत्र के जरिए अनुरोध किया है कि कृषि फीडर में 18 घंटा निर्वाध बिजली दिलाने की कोशिश की जाए ,ताकि किसानी की समस्या दूर हो।पूर्व विधायक द्वारा लिखे पत्र के प्रकाश में आने के बाद राजद के संभावित उम्मीदवार अजीत सिंह ने भी मोर्चा खोल दिया है।उन्होंने पूर्व विधायक अशोक कुमार सिंह का बिना नाम लिखे इशारों – इशारों में उन्हें लेटरजीवी की संज्ञा दे दी है।उन्होंने टिप्पणी करते हुए लिखा है कि रामगढ़ में जनप्रतिनिधि के द्वारा पत्र लिखने को फालतू काम बताने वाले अब खुद लेटरजीवी बन गए हैं।बिहार और केंद्र दोनों जगह इनकी सरकार है फिर भी क्षेत्र के कृषि फीडर में मात्र 8 घंटे बिजली आपूर्ति होना सरकार के कमियों को दर्शाता है।चुनाव को देख पत्र लिखना केवल जनता के भावनाओं के साथ खेलकर मूर्ख बनाने की कवायद है।उन्होंने यह भी कहा है कि देर से ही सही पत्र लिखने की सीख तो जगी।किंतु जिस मुद्दे को पूर्व के जनप्रतिनिधि द्वारा वृहत पैमाने पर उठाया गया हो उसपर पत्र लिखने का कोई औचित्य नहीं बनता।बता दें कि पूर्व विधायक व वर्तमान सांसद सुधाकर सिंह के द्वारा क्षेत्र के ज्वलंत मुद्दों व विशेष मांगों को लेकर विभागीय मंत्रियों ,सरकार के नुमाइंदों को कई बार पत्र लिखकर ध्यान आकृष्ट कराने का कार्य किया जाता रहा है।उनके द्वारा मांगपत्रों पर कई बार सुनवाई भी हुई है।जब भी सुधाकर सिंह का मांगपत्र प्रकाश में आया तब – तक बीजेपी समर्थकों एवं पूर्व विधायक द्वारा फालतू का काम बताने का प्रयास किया जाता रहा।

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