
निर्धारित समय के अंदर आवेदन करने के बाद भी नहीं बन सका मृत्यु प्रमाण पत्र ..
कर्मियों द्वारा तरह तरह के बहानेबाजी कर लोगों को किया जा रहा परेशान…..सिसौड़ा के आवेदक ने सुनाई आपबीती
आवेदक की भतीजे की 20 मई को अकोढ़ी नदी में डूबने से हो गई थी मौत
दूसरे प्रखंड में सीओ व प्रमुख घर जाकर अनुग्रह राशि का चेक देते हैं और यहां किया जाता है तंग
राजीव कुमार पाण्डेय (रामगढ़)। प्रखंड कार्यालय में आरटीपीएस काउंटर पर कार्यरत कर्मियों के मनमानी का आलम यह है कि समय से कोई भी कार्य निष्पादित नही किया जा रहा है।छोटे – छोटे कामों जैसे जन्म प्रमाण पत्र,मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के मामले में भी पैसों की मांग की जा रही है जिससे आम जन परेशान हैं। पैसा नहीं देने की स्थिति में लोगों का आवेदन कैंसिल कर दिया जा रहा है तथा पेंडिंग बता कर बार – बार कार्यालय का चक्कर लगाने के लिए मजबूर कर दिया जाता है।ताजा मामला सिसौड़ा गांव निवासी दिलशाद साईं का है।जिसने अपने भतीजे की मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए आवेदन किया हुआ है और अभी तक उसे मृत्यु प्रमाण पत्र की प्राप्ति नही हुई है।अपनी आपबीती सुनाते हुए दिलशाद ने मीडिया को बताया कि उसके भतीजा की 20 मई को दुर्गावती नदी में स्नान करने के दौरान डूबने से मौत हो गई थी।उसने निर्धारित समय 21 दिन के भीतर बिना शपथ पत्र के फॉर्म जमा किया। जब दुबारा प्रमाण पत्र पाने की इच्छा से कार्यालय गया तो आरटीपीएस काउंटर के कर्मियों द्वारा बताया गया कि उसको शपथ पत्र बनवाकर देना होगा।इसके बाद उसने लचारगी में मोहनियां जाकर शपथ पत्र बनवाकर कार्यालय में जमा किया ।फिर भी आज तक उसको मृत्यु प्रमाण पत्र जारी नही किया गया है।उसने बताया कि जब उसे समाचार पत्रों के जरिए यह पता चलता है कि जिले के अन्य प्रखंडों में ऐसे मामलों में एक सप्ताह के भीतर अंचलाधिकारी व जनप्रतिनिधियों के सहयोग से पीड़ित के परिजनों को 4-4 लाख की अनुग्रह राशि प्रदान की गई है तो उसे यह सोच कर दुख होता है कि उसके यहां के जनप्रतिनिधि समेत कार्यरत अधिकारी व कर्मी कहां सोए हैं। पीड़ित के परिजनों को सहायता करने के बजाय उसे तंग किया करते हैं।दरअसल,यह हाल केवल दिलशाद का ही नही है।प्रखंड कार्यालय में जन्म,मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए आवेदन करने वाले कमोवेश सभी आवेदकों को ऐसे ही हालातों से गुजरना पड़ रहा है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जन्मप्रमाण पत्र व मृत्यु प्रमाण पत्र के मामलों में 60 से लेकर 100 रुपए तक की राशि वसूली जा रही है जो नही दे रहा है।उसे तरह – तरह की कमियां बता कर परेशान किया जा रहा है।सबसे बड़ी बात यह है कि जन्म प्रमाण पत्र व मृत्यु प्रमाण पत्र के मामलों में आवेदकों को कोई रिसीविंग भी नही दिया जाता है जिससे वह ठोस प्रमाण के साथ कह सकें कि मैंने इस तिथि को आवेदन किया है।